कानपुर एनकाउंटर II हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने गोलियां बरसा दी

कानपुर एनकाउंटर :
सड़क पर खड़े थे पुलिसकर्मी, घर की छत से एकाएक ताबडतोड़ फायरिंग करने लगे
यूपी के कानपुर  हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने गोलियां बरसा दी। इसमें एक क्षेत्राधिकारी (सीओ) समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए। हमले में कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिसमें चार की हालत गंभीर है। कानपुर देहात के शिवली थाना इलाके में पुलिस ने बिकरू गांव में दबिश दी थी।
पुलिस कुछ समझ ही नहीं पाई :

घायल पुलिस कर्मियों ने बताया कि दबिश के दौरान अपराधियों ने इस तरह से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी कि जैसे पहले से ही उन्हें भनक लग गई थी। लेकिन बिठूर और चौबेपुर पुलिस की घेराबंदी होने के चलते समझ ही नहीं सके। खुद को फंसता देख बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस जब तक कुछ समझ पाती या मोर्चा संभालती सात लोगों के गोली लगने से बैकफुट पर आ गई। इसके बाद बदमाश मौके से भाग निकले। बताया जा रहा है बदमाशों ने घर की छत से पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग की।

घायल एसओ ने बताया :
गोली लगने से घायल बिठूर एसओ कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि देर रात को चौबेपुर थानाक्षेत्र के बिकरू गांव निवासी विकास दुबे के घर पर पुलिस टीम दबिश देने गई थी। बिठूर व चौबेपुर पुलिस ने छापेमारी करके विकास के घर को चारों तरफ से घेर लिया। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर बदमाशों को पकड़ने का प्रयास कर ही रही थी कि विकास के साथ मौके पर मौजूद आठ-दस बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। पुलिसकर्मी जब तक कुछ समझ पाते गोली मेरी जांघ और हाथ पर लग गई। इसके अलावा दरोगा सुधाकर पांडेय, सिपाही अजय सेंगर, अजय कश्यप, चौबेपुर थाने का सिपाही शिवमूरत और होमगार्ड जयराम पटेल घायल हो गए। इसके बाद अपराधी मौके से भाग निकले। हमले की जानकारी मिलते ही एसएसपी दिनेश कुमार पी, एसपी पश्चिम डॉ. अनिल कुमार समेत तीन एसपी और कई सीओ सर्किल फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। देर रात तक अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस दबिश देती रही।

वर्ष 2001 में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड में आरोपित कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर गुरुवार रात दबिश देने पुलिस गई थी। इसी बीच बदमाशों ने पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग की।   मुख्यमंत्री ने 1 करोड़ मुआवजे की घोषणा की 

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